
सक्ती। नगर में इनदिनों राजनीति की बिसात कुछ अलग ही चल रही है, 25 मार्च को भाजपा के पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष ने भाजपा छोड़ी है, तो वहीं भाजपा के कद्दावर माने जाने वाले पूर्व नपा अध्यक्ष नरेश गेवाडीन की कांग्रेस प्रवेश की खबरें जोरों पर है।
ज्ञात हो कि नरेश गेवाडीन पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहें हैं और वर्तमान में उनकी पत्नी रीना गेवाडीन वार्ड क्रमांक 17 की भाजपा से पार्षद हैं। यहां बताना लाज़मी है कि भाजपा में कथित तौर पर जिलाध्यक्ष का चाबुक जिले में चल रहा है जिसके कारण भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता और नेता धीरे धीरे भाजपा को अलविदा कहते हुए पार्टी छोड़ रहें हैं। यहां बता दें कि नरेश गेवाडीन नगर के साथ साथ आसपास के गांवों में भी अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही रीना गेवाडीन का अपना एक अलग की सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से पकड़ है। गेवाडीन दंपति के कांग्रेस प्रवेश से कहीं ना कहीं कांग्रेस को और भी मजबूती मिलेगी। नरेश गेवाडीन के कांग्रेस प्रवेश की बातें लगभग आम हो चुकी हैं बताया जा रहा है कि 27 मार्च को गेवाडीन दंपति कांग्रेस का दामन थाम लेंगें, वहीं इनके कांग्रेस प्रवेश के साथ साथ नगर के दो पार्षद और आसपास के करीब करीब आधा दर्जन सरपंच भी कांग्रेस का दामन थाम रहें है। नाम ना छापने की शर्त पर भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि जिस तरह से क्षेत्र में भाजपा बिखर रही है वह दिन दूर नहीं जब भाजपा का झंडा उठाने वाला भी नगर में नहीं दिखेगा। भाजपा के बड़े नेता केंद्र और अन्य राज्यों की जीत से बहुत ज्यादा उत्साहित हैं और स्थानीय मुद्दों और कार्यकर्ताओं की सुध भी नहीं ले रहें है। यही कारण है कि लगातार भाजपा को छोड़ कद्दावर लोग अन्य दलों में जा रहें हैं तो वहीं कुछ लोग पार्टी के स्थानीय क्रियाकलापों से तंग आकर घर मे बैठना पसंद कर रहें है।
लगातार कांग्रेस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करती नजर आ रही है, साथ ही कोरोनो काल के बाद से ही कांग्रेस क्षेत्र में काफी मजबूती और जन हितों में कार्य कर रही है। यहां यह भी बताते चलें कि जनप्रतिनिधियों के अलावा पूर्व जनप्रतिनिधियों की जैसे पूर्व पार्षद, पूर्व सरपंच, पूर्व जनपद सदस्य भी 27 मार्च को भाजपा छोड़ कांग्रेस प्रवेश कर रहें है। गत दिनों बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भाजपा प्रवेश किए थे जिसमें कई बातें सामने आई और जिनका नाम भाजपा प्रवेश में था वो लोग बाद में इस बात का खंडन किये की हमें कुछ और बोलके बुलाया गया था और भाजपा प्रवेश का नाटक रचा गया, जिसके बाद से ही कांग्रेस काफी सतर्कता से संगठन के लिए कार्य कर रही थी। नगर कांग्रेस ने भाजपा से जिस तरह का बदला ले रही है उससे कहीं ना कहीं भाजपा पूरी तरह से क्षेत्र में हासिए पर आ जायेगी। अब देखना है कि कांग्रेस प्रवेश की कतारें कितनी लंबी होगी और अभी चुनाव में लगभग डेढ़ साल बचें हैं तो और कितना प्रवेश किन की पार्टियों में होता है।